ताऊ का बीमा करने आया बीमा एजेंट

ताऊ को भैंसों का धंधा भी चला नही ! पहली बात तो ये सरकारी अफसर ताऊ की खाट खडी करके राख्या करते थे ! कभी इसका फाइन दो कभी उसका जुरमाना दो ! इब ताऊ बिचारा क्या करे ? इब धीरे २ ताऊ की दो भैंसे मर गई ! इब बची भैंसों से बैंक की किश्त भी निकालनी मुश्किल हो गई ! और बैंक वालो ने दे दिया नोटिस की ताऊ , किश्त जमा करो नही तो भैंस जब्त करी जायेंगी ! ताई से सलाह करके ताऊ ने एक भैंस और काटडी ( भैंस की मादा बच्ची ) राख कै बाक़ी  सारी भैंस बेच दी ! और साथ में एक बीघा जमीन बेची तब जाकै बैंक आलो से पीछा छुटाया ! और आगे से बैंक वालो से कर्जा लेण की  कसम खाई ! ताऊ कै बाबू नै  भी समझाया था की कर्जा लेकै भैंस मत ले ! पर ताऊ नही माना !

 

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अब जो इतना घाटा हो गया , इसको किसी तरह भरपाई करण वास्ते ताऊ का दिन रात दिमाग चाल्या करता ! एक दिन ताऊ कै पास एक बीमा कम्पनी का एजेंट आया ! और वो बोल्या -- ताऊ बीमा करवाले ! ताऊ ने पूछा-- भाई यो बीमा के हौवै सै ? इब एजेंट ताऊ नै समझावन लाग ग्या बीमा कै बारे मैं ! इब आप तो जानते ही हो की बीमा एजेंट को एक बार लिफ्ट मिल गई तो वो अच्छे भले आदमी को ताऊ बणा देवै सै ! और यहाँ तो ताऊ बिल्कुल  रेडिमेड बना बनाया ताऊ था !  यहाँ बनाने क्या जरुरत ?

 

बीमा एजेंट बोला -- ताऊ ये पालिसी लेले ! यदि तू मर गया तो २ लाख पीछे से ताई को मिल जायेंगे ! और अगर थोडा ज्यादा किश्त देवै तो ये वाली लेले  , इस पालिसी मे तू मर गया तो तेरे घर आलो को ३ गुने पैसे मिल जायेंगे ! पर ताऊ का मूड नही देखके वो एजेंट बोला -- अरे ताऊ जी आप तो ये वाली पालिसी लेलो ! ये बिल्कुल नई आई है और बहुत बढिया है,  इसमै आप के मरते ही ५ गुना रुपया ताई को मिल जायेगा !

 

इब तो ताऊ कै घणा छोह (गुस्सा) उठग्या ! और वो एजेंट अपनी किताब में से नई पालिसी बताण खातर उचक्या और बोल्या -- ताऊ या देख बिल्कुल तेरे लिए जोरदार पालिसी .. ! ताऊ बीच मे ही टोकता हुवा बोल्या--अरे भाई एजेंट तू या तेरी एजेंटी तो छोड़ अर.. मन्नै या बता की तेरे धौरै कोई ऎसी पालिसी सै की नही, जिसमे तू मर जावै और पिस्से ( रुपये) मेरे को मिल जाए ! बावली बूच कहीं का...  एक घंटे से तू  मेरी जान के पीछे पडया सै ... !

अरे बेवकूफ यदि मैं ही मर गया तो तेरे रुपये पिस्से को मैं के चाटुन्गा ? तू तो कोई ऐसी पालिसी बता -- जिसमे मर तो कोई दूसरा जावै और पिस्से ( रुपये ) के मजे मैं लेलूं ! 

Comments

  1. सारे पॉलिसी तो मरने पर ही जिंदा होते हैं और जिंदा रहने पर हम मरने की पॉलिसी बनाते हैं :)
    सही लिखा।

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  2. आपसे कोई धंधा होने को नई ताऊ ,ठेला -खोमचा लगाया नहीं चला और अब भैंसों के चक्कर में मुंह की खा गए -इब यी ब्लॉग से कुछ माल पानी की जुगाड़ का काम शास्त्री जी से क्यों नही सीख लेते ? हाथ पर हाथ धरे रहने से कुछ तो होवे का नाहीं -अब ब्लॉग का भी ट्रायल कर लो !

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  3. फ़िर तो ताऊ भैस का बीमा ही कराना पड़ेगा

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  4. ताऊ, मेरे पास एक चोखा आइडिया सै, अपनी भैस का बीमा करवा ल्‍यो आप, अगर भैंस झोड़ मैं ना गई तै मजे तै दूध काढ़ो, अर पानी में गई तै समझ ल्‍यो नहाण का काम पूरा, डूब गी तै बीमा की रकम का मजा ल्‍यो।

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  5. वाट एन आइडिया ताऊ जी,वाट एन आइडिया।मैं भी तंग आ गया हूं बीमा एजेंटों से।कभी इस कंपनी का तो कभी उस कंपनी का।कभी इस फ़ोन नंबर तो उस फ़ोन नंबर से।कभी लड्का तो कभी लड्की ,मेरी भी जान के पिछे पड गये है लगता है,वैसे अच्छा आईडिया दे दिया है,अब कोई एजेन्ट आया तो ये वाली पालिसी ही मांगूंगा।

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  6. जिसमे मर तो कोई दूसरा जावै और पिस्से ( रुपये ) के मजे मैं लेलूं
    "hmmm baat to ghnee hee chokhee kyee hai tau jee, vaise us agent ka naam ptta hume bhee btaa daina, vaise bhee aajkul share mkt ne sub kuch jlaa funk diya hai, to ye bhee shee hee rhega...hum bhee sath sath ho laiten hian...'

    regards

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  7. पहले तो एक ही कंपनी थी भारतीय जीवन बीमा निगम, अब पचासों आ गई हैं। और उन के एजेंट? बाप रे!
    इधर कूँ आईसीआईसीआई वाले दिल्ली मैं बैठ के रोज फोन की घंटी टनटनात हैं।

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  8. ताऊ जी राम-राम
    इस बार की पोस्ट में आप ने सब की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। सब परेशान हैं इन बीमा एजेन्टों से। सही बात कही आपने मरने के बाद की सारी पॉलिसी है इनके पास, बचकर रहना पङता है इन सबसे, वर्ना ये तो जीते जी भी मारते है मरने के बाद का तो राम जी भला करे।

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  9. इतना बुद्धिमान और खुर्राट है ताऊ! आप उसे नाहक लल्लूपने का पेण्ट चढ़ाते रहते हैं।
    ऐसे सौ ताऊ मिल जायें तो इस देश को उबार दें सब विघ्नों से।
    आप सीरियसली ताऊ की इमेज बिल्डिंग का काम प्रारम्भ करें!

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  10. बहुत खूब।

    ऐसा जवाब तो ताउ ही दे सके।

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  11. हा हा...सोलह आने सही बात कही आपने! खुद पालिसी लेने के बजाय तो किसी का नौमिनी बनना ज्यादा ठीक है! पैसे आने की कुछ तो जुगाड़ लगेगी!

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  12. "बिरादर" की बात जम गई मैन्ने तो !

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  13. हा हा ताऊ सही कहा भाई आपने मर गये तो पैसे को क्या चाटेंगे !!वैसे आपके भैस की फ़ोटो यमराज के भैंस से मिलती है जरा सम्हल के भूतनाथ ने सेटींग कर के आपके पास भेज दी है लगता है !!

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  14. तेरे धौरै कोई ऎसी पालिसी सै की नही, जिसमे तू मर जावै और पिस्से (रुपये) मेरे को मिल जाए!
    इबके थमने म्हारे दिल की बात कह दी ताऊ!

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  15. जै ताऊ की..
    मैं समझग्या..
    इन बीमे वालों के बुरे दिन आगे..

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  16. ताऊ के हथ्थे चढ़ गया वो एजेंट..अब तो बीमा छोड़ कर उसने भी भेंस पाली ली है-कोई बता रहा था. :)

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  17. ताऊ, बीमा वालो का तो सत्यनाश कर दिया, ईब कुनसा काम करेगां ? घणा मज आ गया ताऊ.
    राम राम जी की

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  18. हर बार की तरह अच्छा लगा पढकर। एक शब्द मिला पढने को बहुत दिनो के बाद।

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  19. क्या किस्सा कहा है ताऊ! वाह.
    सही बात है मैं ही मर खप गया तो पैसे क्या चाटूंगा...आप तो बीमा एजेंट के नॉमिनी बन गए, क्या ओरिजनल आईडिया है.

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  20. ताऊ के पास वो बिना अपना बीमा करवाये गया क्यों?

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  21. क्या ताऊ बीमा एजेंट के पीछे लट्ठ लेकर पढ़ गये, बेचारे की अक्ल थारे भैंस का चारा चरने चली गयी। ताऊ जा एजेंट को पकड़ और उससे अपनी भैंस का बीमा करवा ले, पैसा शर्तिया तेरे को ही मिलेगा। भैंस भी मर जावेगी और लाठी भी ना टूटेगी। :D

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  22. ताऊ ! बीमा एजेंट को छोड़ अपना ब्लाग संभालो, कुछ गड़बड़ लग रहा है यार !

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  23. ताऊ जी तुम मान लो,मेरी अद्भुत राय
    अपनी प्यारी लट्ठ का बीमा लो करवाय
    बीमा लो करवाय,मान कर बात हमारी
    कह सौरभ कविराय,लट्ठ की महिमा न्यारी

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  24. ताऊ ने बढ़िया आईडिया दिया :-)

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