"ताऊ" साप्ताहिक पत्रिका (अंक-५)

माननिय भाईयों, बहणों और बेटियो सबनै ताऊ की तरफ़ तैं सोमवार सबेरे की रामराम.  आज आपका कार्यकारी दिवस है सो फ़टाफ़ट ये रिजल्ट देख कै काम धंधे पै लग ल्यो.

 

अबकी बार इस साप्ताहिक पत्रिका मे देखिये पहेली -५ के जवाब

 

ताऊ पहेली-५ का सही जवाब है "बाघ केव्ज" तह्सील कुक्षी जिला- धार (म.प्र.), इस अंक मे कुल ५६ ब्लागर्स के ७३ कमेंट्स आये. जिसमे से १९ लोग विजेता रहे.

 

विवरण के लिये हम  सुश्री सीमा गुप्ता, सुश्री अल्पना वर्मा और  श्री प्रकाश गोविन्द की टिपणीयां भी प्रकाशित कर रहे हैं. यह जगह बाघ गुफ़ाओं के नाम से  प्रसिद्ध है और यह बाघ नामक एक छोटा सा गांव है.

 

इन गुफ़ाओं मे जो चित्रकारी है वो अजन्ता की गुफ़ाओ से मिलती जुलती है. गुफ़ाओ मे जो चित्रकारी मिलती है उनमे अजन्ता के बाद इन्ही गुफ़ाओं का नम्बर आता है.

 

आजकल बाघ प्रिंट के नाम से यहां पर बहुत ही खूबसूरत साडियां, वाल हैंगिंग्स और बॆडकवर का निर्माण होता है. इन की विदेशों मे काफ़ी बहुतायत से मांग है. और इसकी वजह है कि यहा जो कपडे प्रिंट किये जाते हैं उनमे फ़्रुट कलर इस्तेमाल होते हैं, जिसकी वजह से ये बिल्कुल भी नुक्सान देह नही होते.

 

फ़्रुट कलर्स की एक और विशेषता है कि जैसे जैसे आप इनको वाश करते जायेंगे इनकी कलर और साईनिंग और निखरती जायेगी.

 

तो आईये, अब रिजल्ट की तरफ़ बढते हैं.

 

आज के प्रथम विजेता शुभम आर्य said...

ताऊ मेरा जवाब बदल दिया जाए मुझे मिल गया सही जवाब ये तो बाघ गुफा यानि bagh caves है | जो धार, मध्य प्रदेश में है |

 

घणी बधाई प्रथम स्थान के लिये. सर्वाधिक अंक प्रात किये १०१.

तालियां.....

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( नोट : शुभम आर्य के  कमेंट मुझसे गलती से रिजेक्ट पर क्लिक होने से पब्लिश नही हो पाये हैं, इनकी मेल मौजूद है. वो तीनो मेल शनीवार को ही मैने पब्लिश कर दी थी. सबसे पहले १०:५९ AM पर इनका ही सही जवाब सबसे पहले आया था. जिस किसी को संदेह लगता हो वो अपना मेल एड्रेस मुझे भेज देवे, वो मेल उनको फ़ारवर्ड कर दी जायेंगी.)

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२. पर हैं वरुण जायसवाल said...बाघ गुफा , धार जिला , म . प्र .|

अंक १००

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३. पर हैं seema gupta said...

ये बाघ गुफा है जो धार से ९७ किलोमीटर दूर मध्ये प्रदेश मे है . इन गुफाओं की खोज १८१८ मे हुई थी, इनका नाम बाघ गुफा क्यूँ पडा इसका कोई ठोस कारन ज्ञात नही है मगर कहा जाता है की इनकी खोज से पहले यहाँ बाघों ने आपना निवास बनाया हुआ था. इसके बाद ये स्थान Buddhist मोंक्स द्वारा रहने और योग साधना आदि के लिए भी किया गया .ये गुफा कुदरती नही हैं इनका निर्माण पुरातन कलाकरों ने पथरों को नक्काशीदार काट कर किया था हैं ये गुफाएं अपनी अद्भुत चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है .पॉँच गुफाओं का ये समूह इंदौर और वडोदरा के मध्य सडक पर पडता है "इन्हे Bagh Buddhist Caves,भी कहा जाता है ये बाघिनी नदी के तट पर बाघ गावं से ७ कम की दुरी पर स्तिथ है."
Regards 

अंक ९९

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पर हैं. अल्पना वर्मा said...पहले का जवाब खारिज कर दिया जाए...
नया जवाब है--Bagh caves
-details अभी देती हूँ.

अंक ९८

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५. पर हैं विवेक सिंह said...

ताऊ मेरा अंतिम जबाब माना जाय मध्यप्रदेश में धार के निकट बाघ गुफाएं !

अंक ९७

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६. पर हैं रंजन said...

ताऊ वैसे तो मुझे इस बा्रे में बिल्कुल पता नहीं था.. पर आपने हिंट दे दिया अब जबाब नहीं दु तो .. तो फिर हम भतीजे किसके..
ये है बाघ गुफा.. मध्यप्रदेश में धार से ९७ किमी दूर.. और हां ये प्राकृतिक नहीं ्है.. मानव निर्मित है..
बाकि जबाब तो सोमवार को देखेगें..
नंबर दे देना ताऊ..
राम राम

अंक ९६

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पर हैं. प्रकाश गोविन्द said...

My Correct Answer :
Bagh Caves of Madhya Pradesh

अंक ९५

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पर हैं. Udan Tashtari said...

ये हैं बाध गुफाऐं धार जिले में..असल जबाब!!
इसे ही मान्यता दी जाये.

अंक ९४

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९. पर हैं. Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" said...

ये मध्यप्रदेश के धार जिले में 'बाग की गुफाएं'हैं.किंवदंतियो के अनुसार यहीं पर पांड्वो ने अपने अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था.

अंक ९३

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१०. पर हैं. PD said...

ab sab bagh gufa bol rahe hain to ham bhi kah hi dete hain bagh gufa.. yahi antim javaab..
chori karke aaj pass ho hi jate hain.. :)

अंक ९२

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११. पर हैं. Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said...

ताऊ, जैसी के हमारी और आपकी डील हुई थी, बिल्कुल वैसे ही मैंने जानते हुए भी सही उत्तर बाघ गुफा, (धार जिला) म . प्र लिखने के बजाय लोगों को कन्फुजिआने के लिए एलोरा बोला है. इब थम म्हारे पीसे लौटा दोगे ना?

अंक ९१

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१२. पर हैं Tarun said...

ताऊ काम में ऐसा फंसा की पहेली रह गयी, बॉस को कहता कहता थक गया कि जाणे दा भाया काम तो होता रहेगा, पहेली ज्यादा जरूरी है नही तो फिर से मेरिट में पीछे आ जाऊँगा माणा ही नही। देर से ही सही हमारा उत्तर भी लॉक कर दिया जाय - बाघ गुफायें (Bagh Caves) जो मध्य प्रदेश में हैं, धार से कोई ९०-१०० किमी दूर।

अंक ९०

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१३. पर हैं ताऊजी said...

ताऊ चालहे काट दिये, मेरे ब्लाग पै कब्जा करकै टिपणियां के मजे लेण लाग रया सै. यो तओ बाघ की गुफ़ा ही सै, पर मेरे ब्लाग पै कब्जा कब छौडैगा? या बता दे. लागै सै कि चिठ्ठा चर्चा म्ह फ़ु्रसतिया जी की अदालत म्ह तेरे उपर केस ठोकणा पडैगा और वकिळ भी द्विवेदी जी को करुंगा फ़ेर देखते हैं कैसे कब्जा ना छोडैगा तू.
इब नम्बर तो दे ही दे, बाकी तो मैं बाद म्ह निपट ल्युंगा.
रामराम.

अंक ८९

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१४. पर हैं. दीपक "तिवारी साहब" said...

अरे यार ताऊ, आज ही मैं गांव गया था कुक्षी, और आज ही हमारे गांव की पहेली पूछ ली आपने.
ये हमारे गांव से दस किलोमीटर पर बाघ की गुफ़ाएं हैं यहां पर खूब गुल्ली डन्डा खेला है बचपन मे हमने.

अंक ८८

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१५.  पर हैं. makrand said...

बाघ की गुफ़ाएं हैं ताऊ. और यहां की साडियां भी बडी फ़ेमस हैं. बाघ प्रिन्ट के नाम से यहां की साडीयां और बेड कवर बहुत फ़ेमस हैं.

अंक ८७

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१६. पर हैं. अनूप शुक्ल said...

ताऊ जी जब इत्ते लोग बता रहे हैं तो हमारा जबाब भी बाघ गुफ़ा होना चाहिये लेकिन हमारा जबाब लाक किया जाये कि ये ताजमहल बनने के पहले की जगह है।

अंक ८६

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१७. पर हैं प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर said...

मध्यप्रदेश में धार के निकट बाघ गुफाएं !!!!!

अंक ८५

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१८ पर है Dixit said...

Ram Ram Tau .......pehli bar aaya thyare blog pe ........ib sab Bagh ghufa keh rahe to mera bhi yahi jawab man leyo .........waise tau .....teth hariyanvi mein puri post likhi jave to maza hi aa javega ......!!!
Lucky

 

अंक ८४

----------------------------------------------------------------------------------------------------१९. पर है. Anumeha said...

बाघ गुफा , धार जिला , म . प्र .|

January 18, 2009 11:17 PM

 

अंक ८३

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निम्न भाइ बहणों ने भी इस पहेली अंक-५  मे किसी न किसी रुप मे टिपणी करके सहभागिता करके हमारा उत्साह वर्धन किया.  आप सबका सादर हार्दिक आभार !

ARVIND MISHRA , दिनेशराय द्विवेदी DINESHRAI DWIVED , DINANATH ,
PARUL , VIDHU , राम खेलावन , संजय बेंगाणी , कुश , सुशील कुमार छौक्कर ,
NIRMLA KAPILA , JAYAKA , रंजना [रंजू भाटिया] , ANIL PUSADKAR ,AMIT ,
नितिन व्यास , दिगम्बर नासवा , राज भाटिय़ा , मुसाफिर जाट , विनय , डॉ .अनुराग , मोहन वशिष्‍ठ , NEELIMA SUKHIJA ARORA , MAMTA ,
शाश्‍वत शेखर , HARKIRAT HAQEER , अभिषेक ओझा , गौतम राजरिशी

 

अब कुछ विषय पर रोशनी डालती हुई टिपणियां क्रमश :-

 seema gupta said...

ये बाघ गुफा है जो धार से ९७ किलोमीटर दूर मध्ये प्रदेश मे है . इन गुफाओं की खोज १८१८ मे हुई थी, इनका नाम बाघ गुफा क्यूँ पडा इसका कोई ठोस कारन ज्ञात नही है मगर कहा जाता है की इनकी खोज से पहले यहाँ बाघों ने आपना निवास बनाया हुआ था. इसके बाद ये स्थान Buddhist मोंक्स द्वारा रहने और योग साधना आदि के लिए भी किया गया .ये गुफा कुदरती नही हैं इनका निर्माण पुरातन कलाकरों ने पथरों को नक्काशीदार काट कर किया था हैं ये गुफाएं अपनी अद्भुत चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है .पॉँच गुफाओं का ये समूह इंदौर और वडोदरा के मध्य सडक पर पडता है "इन्हे Bagh Buddhist Caves,भी कहा जाता है ये बाघिनी नदी के तट पर बाघ गावं से ७ कम की दुरी पर स्तिथ है."
Regards

 

 अल्पना वर्मा said...

यह चित्र बाघ गुफाओं का है.कुछ इतिहासकार इन्हें चौथी और पांचवी सदी में निर्मित मानते हैं .
अधिकतर ७ वीं सदी में.
ये बाघ गुफाएं ,मध्य प्रदेश में धार जिले से ९७ कम दूर विन्ध्य पर्वत के दक्षिणी ढलान पर hain.
बौद्ध धरम को दर्शाती हुई इन ९ गुफायों में से केवल ५ ही अभी बची हुई हैं.ये इंदौर और वडोदरा के बीच में हैं.बाघिनी नदी के किनारे हैं.
इन गुफाओं का संबंध बौद्ध मत से है। यहां अनेक बौद्ध मठ और मंदिर देखे जा सकते हैं।
इन गुफाओं में चैतन्य हॉल में स्तूप हैं और रहने की कोठरी भी बनी हैं जहाँ बोद्ध भिक्षु रहा करते थे.
अजंता और एलोरा गुफाओं की तर्ज पर ही बाघ गुफाएं बनी हुई हैं। इन गुफाओं में बनी प्राचीन चित्रकारी मनुष्य को हैरत में डाल देती है। इन गुफाओं की खोज 1818 में की गई थी। माना जाता है कि दसवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के पतन के बाद इन गुफाओं को मनुष्य ने भुला दिया था और यहां बाघ निवास करने लगे। इसीलिए इन्हें बाघ गुफाओं के नाम से जाना जाता है। बाघ गुफा के कारण ही यहां बसे गांव को बाघ गांव और यहां से बहने वाली नदी को बाघ नदी के नाम से जाना जाता है।
यहाँ बनी पदाम्पनी का चित्र[पेंटिंग]अजंता में बनी पदाम्पनी से मिलती जुलती है.
यह किताब इन गुफाओं के बारे में आप को बहुत सी जानकारी देगी.
यह शायद सिर्फ़ पुस्तकालयों में मिलेगी.बडे अफ़सोस की बात है ,की हमारे भारतीय इतिहासकार इन प्राचीन स्मारकों पर किताबें नहीं लिखते[?]=ज्यादातर किताबें और दस्तावेज अंग्रजों के द्वारा एकत्र किए हुए हैं.
यह किताब भी एक अंग्रेज ने ही लिखी है.
The Bagh Caves in Gwalior state
AUTHOR - Sir John Marshall
PUBLICATION - India society, London [year 1927]
[-आज तो सच में मुश्किल लगी पहेली.
-अच्छा हुआ, बहुत से monuments को जान लिया इस बहाने.]

 

 प्रकाश गोविन्द said...

ताऊ आपने "क्लू" देकर काम आसान कर दिया वरना मंजिल तक पहुंचना बहुत मुश्किल था !
सही जवाब तो मैं दे ही चुका हूँ अब थोड़ा विस्तृत जवाब भी दे दूँ !
बाघ गुफाएं-
ये गुफाएं मध्य प्रदेश के धार जिले से ९७ किलोमीटर दूर हैं ! माँडू किले से इनकी दूरी ५० किलोमीटर (पश्चिम) लगभग है !
इन गुफाओं का संबंध बौद्ध मत से है। यहां अनेक बौद्ध मठ और मंदिर देखे जा सकते हैं। अजंता और एलोरा गुफाओं की तर्ज पर ही बाघ गुफाएं बनी हुई हैं। इन गुफाओं में बनी प्राचीन चित्रकारी मनुष्य को हैरत में डाल देती है। इन गुफाओं की खोज 1818 में की गई थी। माना जाता है कि दसवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के पतन के बाद इन गुफाओं को मनुष्य ने भुला दिया था और यहां बाघ निवास करने लगे। इसीलिए इन्हें बाघ गुफाओं के नाम से जाना जाता है। बाघ गुफा के कारण ही यहां बसे गांव को बाघ गांव और यहां से बहने वाली नदी को बाघ नदी के नाम से जाना जाता है।

 

 अल्पना वर्मा said...

दुबई में जब भी ग्लोबल विल्लेज लगता है -भारत के पवेलियन में मध्य प्रदेश का एक छोटा सा स्टाल ही देखा है.जहाँ कपड़े मिलते हैं.मैं ने वहां से एक बार सिर्फ़ cotton बेड शीट्स खरीदीं हैं.राजस्थान और कश्मीर के स्टाल्स के आगे बहुत फीका और dull स्टाल होता है.इसलिए लोग उस तरफ जाते ही कम हैं.मैं भी हैण्ड प्रिंट्स के चक्कर में वहां पहुँची थी.लेकिन तब भी बाघ प्रिंट्स के बारे में नहीं सुना था.आज पहली बार जाना है कि बाघ प्रिंटिंग क्या होती है.इस के बारे में नेट पर पढ़ा और प्रिंट्स देखे.
आप की हर पहेली कुछ न कुछ सिखा रही है.
धन्यवाद.

 

 

कुछ मौज मस्ती की टिपणियां :-

 

 Arvind Mishra said...

ताऊ रे यह हर शनिवार को टपक रही है -अब तीर तुक्का हर बार थोड़े ही लहता है ! जो कुछ इज्जत पानी बची रह गयी है काहें को बंटाधार करने को तुल गया है ताऊ ?

 

मिश्राजी जी, अब इज्जत कोई नाव थोडे ही है जो बंटाधार हो जायेगा. आप बेफ़िक्र रहिये, इज्जत को बचा कर रखेंगे. :)

 

 दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi said...

आज तो हमारी बुद्धि और स्मृति चकरा गई। निगेटिव नंबर नहीं है इसलिए जवाब दे रहे हैं कि ये एलीफेन्टा की गुफाएँ हैं। तीर न सही तुक्का ही सही।


हाँ, गधे की नीलामी मं दुनिया आए हम नहीं आ रहे हैं। ताऊजी तो गधे की नीलामी इस लिए कर रहे हैं कि यह उन्हें दुलत्ती न मार दे।

 

हमारा गधा हमको ही लात मार सकता है, ये तो हमने सोचा ही नही था. आगे से संभलकर रहेंगे.   आप सही कह रहे हैं, घोर कलियुग है जी. :)

 

 

dinanath said...

पहेली का तो जबाब पता नहीं ताऊ
लेकिन गधे की नीलामी कब है? चटका लगा दिया है, ये गधा मुझे ही मिलना चाहिये

 

भाई ताऊ को आपसे घणी सहानुभुती है, अभी तो नीलामी का प्रोग्राम केन्सिल हो गया भविष्य मे जब भी नीलामी होगी, आपको सूचित करेंगे.  आपका इ-मेल ???

 

 Vidhu said...

शनिवार की गुड मोर्निंग,..ये पुरानी गुफाओं को बाहर से नवीन कराया गया तो दिखाई दे रहा है ..अजन्ता एलोरा भी कई साल पहले गए थे इस लिए कन्फर्म नही है ,,लेकिन चित्र ऐसा है की याद वहीँ की दिला रहा है ..अब आप चाहे जो जाने....

 

लो जी, आपको इतनी दूर जाने की क्या जरुरत थी? नीचे के बाक्स मे अल्पना जी

का जवाब देख  लेती, आपके तो अत्यधिक नजदीक हैं ये गुफ़ाएं.

 

 

 अल्पना वर्मा said...

आज की पहेली के जवाब के लिए मैं भी एक clue दे दूँ -'बगल में बच्चा और नगर में ढिंढोरा....' मैं ने भी सारी दुनिया घूम डाली ,इस के जवाब को पाने में...बड़ी मशक्कत से जवाब मिला..

 

शायद विधू जी को आपने बताया नही? सबसे नजदीक होकर भी वे नही ढूंढ पाई. :)

 

 संजय बेंगाणी said...

एलोरा दिखे है. ज्यादा नहीं पता. लगता नहीं यह पप्पू कभी पास होगा भी :(
खूँटा जोरदार था.

 

लो जी, अच्छी भली मूंछे दीख रही हैं आपकी, पप्पु कहां से होगये जी आप? और खूंटे पर तो P.N.Subramaniyan saahab  बंधने को तैयार रहते थे, आज दिखे नही. कहीं आपके पास तो नही आ गये. :) 

 कुश said...

मुझे तो ये स्टॅच्यू ऑफ लिबर्टी लग रही है...
हा ये वही है.. लॉक कर दीजिए.. और गढ़े की ज़रूरत अभी हमको है नही..


घणा सही जवाब सै भाई, इस जवाब के नम्बर होने चाहिये ५०१ पर अफ़्सोस १०१ से ज्यादा नम्बर ही नही हैं. sorry... वैसे भाई अब हमारा गधा आप मांगो तो भी बिकाऊ नही है. उसकी काफ़ी डिमाण्ड आगई है, उसके कारनामों को सुनकर.

 PD said...

ab sab bagh gufa bol rahe hain to ham bhi kah hi dete hain bagh gufa.. yahi antim javaab..
chori karke aaj pass ho hi jate hain.. :)

 

बिल्कुल सही, ताऊ के पदचिन्हों के अनुगामी हो गये हो? :) बधाई.

 

 

 सुशील कुमार छौक्कर said...

पहले तो जी हम इतना घूमें फिरे है नही। आप जैसा पहले कोई मिला नही। कभी दिल्ली के एक आध स्मारक बगैरा के बारे में पूछेंगे तो कुछ बता पाए। वैसे जब अनुराग जी कह रहे है एलोरा की गुफा तो हमारा जवाब भी वही मानिए। सही हुआ तो भी ठीक नही हुआ तो भी ठीक। और हाँ आज का खूंटे पर तो बस हा हा हा ही कर ते रहे। अब भी गधा याद आ रहा है।

 

अजी सब गधे को ही याद कर रहे हैं और ताऊ को कोई नही पूछ रहा. लगता है

ये गधा ताऊ के काम डलवा कर छोडेगा. :)

 

 

 Nirmla Kapila said...

ताऊजि लगता है हमेम घर बैठे 2 ही भारत दर्शन करवा देंगे धन्यवाद्

 

लो जी कर लो बात. ताऊ को और क्या काम? आप तो भारत दर्शन का खर्चा पानी जमा करवादो जी. नकद नही जी, बस आपका आशिर्वाद चाहिये. 

 

 

 jayaka said...

ताऊजी।... पहेलियां और सहेलियां मेरे को तो परेशानी में डाल देती है।... हां।..गधे वाली कहानी अच्छी लगी।... लेकिन मुझे लगता है कि कोई न कोई गडबड है।... गधे की दुलत्ती से तो गधे की टांग बेशक टूट सकती है, ताई नहीं मर सकती।... पता लगा कर बता देना जी... इंतजार कर रहे है।

 

लगता है कि ताई से आपका परिचय हो चुका है. तभी आपको अंदर की बात पता है, ताई तो रास्ते मे ही जिंदा होकर लौट आई. पर इस खबर से हमारे गधे की कीमत बढ गई है. :)

 

 Anil Pusadkar said...

ताऊ जी ये शनिवार बचपन से तंग कर रहा है।शनिवार को स्कूल मे होम वर्क मिलता था इस्लिये बहाना कर के स्कूल नही जाता था अब आप आ गये हो कठिन-कठिन सवाल करते हो।फ़िर शनिवार को गोल मारना पड़ेगा।वैसे एलोरा गये सालो हो गये मगर ऐसा लगता है की वो अजंता या एलोरा की गुफ़ाये ही है।

 

भाई बचपन मे स्कूल चले जाते तो आज सही जवाब याद आ जाता ना. :)

 

 नितिन व्यास said...

अजंता की गुफायें ही है, जिसका जवाब सही उसे एक बार गुफा दर्शन का टिकट भेज दो, और जिसका जवाब सही ना हो उसे गुफा में बंद करवा दो ताऊ!

 

भाई नितिन जी, फ़टाफ़ट आज्यावो, आपका ही नम्बर है गुफ़ा मे बंद होने का. कब आरहे हैं जी. :)

 

 दिगम्बर नासवा said...

ताऊ
हमारी समझ मा को नि आए इस का जवाब
बस थारा खूंटा चोखो से...............इब म्हारी बोली भी रिज़र्व रखियो

 

भाई लागै सै कि खूंटा ही ताऊ तैं बडा सै. घणा धन्यवाद.

 

 डॉ .अनुराग said...

ham to vakeel sahab ke peeche hai ji....vahi sabse intellijent najar aa aahe hai hame.

 

अजी डागदर साब, देखो वकील साहब ने आपके साथ चोट करदी ना. हमेशा सही जवाब देते हैं, आज पता लग गया होगा कि आप भी कमेंट करने आवोगे, सो जानबूझकर गलत जवाब दे गये. वर्ना हमेशा सही जवाब देते हैं. :)

 

 

 

 अल्पना वर्मा said...

सब से पहले कहना चाहती हूँ--मेरे पहले [खारिज कर दिए ]जवाब -'नालंदा 'को कोई कॉपी न करे -please..मैं ने अंदाजे से लिखा था.
खूंटे पर ताई के बारे में पढ़ा...बहुत बुरा लगा..लेकिन ताऊ यह ख़बर आई है..की ताई इतनी भीड़ और शोर सुनकर उठ बैठी है..और अब आप की तो खैर नहीं!बिना पूरी जाँच किए , बेहोश ताई को शमशान पहुँचा दिया!बड़ी बुरी बात है...:(---और अब के ताई को जिन्दा देख ...सारे जमा गाम वाले भज जायेंगे..कोसेंगे अलग..की उनका टेम खोटी कर दिया! गधा अब किस के दुल्लती मारे न मारे--अब नहीं नीलाम होता..

 

आपकी खबर बिल्कुल सही है, कहीं से एक दुसरे गधे ने आकर टक्कर मार दी और अर्थी गिर गई, बस ताई तो ऊठ बैठी और ताऊ के क्या हाल करे? ये फ़िर कभी फ़ुरसत मे लिखूंगा. अभी तो टूटी हड्डियों पर  प्लास्टर करवा रखा है. :)

 

 

 neelima sukhija arora said...

ना ताऊ म्हाने तो आइडया सा न लग रया अब थमी बता दयो कुणसी जगह है या

 

अजी, इब तो बेरा पाटग्या ना, कि या जगह बाघ की गुफ़ा सै...बाघ प्रिंट का नाम त आपनै सुण ही राख्या होगा जी. :)

 

 

 mamta said...

ओफ फो इतना ज्यादा कनफूजन । :)
हम ४८ घंटे बाद आकर देख लेंगे ।
क्यूँ ठीक है न ताऊ ।

 

इब ठीक क्या है ममता जी, आप ४८ की जगह २४ घंटे बाद भी आकर देख लेती तो आपको जवाब और नम्बर दोनो मिल जाते. अगले शनीवार ध्यान रखना जी.

 

 प्रकाश गोविन्द said...

अरे ताऊ
मैं अचरज में हूँ कि ये अल्पना वर्मा जी
हर एक प्रश्न का जवाब इतने विस्तार से
कैसे दे लेती हैं !
हर बार ऐसा लगता है जैसे अल्पना जी
महीने भर पहले से जवाब की तैयारी कर
रही थीं !
इस मामले पर जांच कमीशन बैठना चाहिए
या सी०बी०आई० इन्क्वारी होनी चाहिए !
मैं इस गंभीर मामले को संसद में उठाऊंगा !

 

जरुर करवाओ जी, हमको भी लगता है कि कहीं ताऊ के नाम से अल्पना जी ही तो ये  ब्लाग नही लिख रही हैं, क्योंकी किसी महिला के ताऊ होने की संभावना भी हरकीरत हकीर जी पहले ही व्यक्त कर चुकी हैं, पता लगे तो हमे भी बता देना जी. :)

 

 

 Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said...

ताऊ, जैसी के हमारी और आपकी डील हुई थी, बिल्कुल वैसे ही मैंने जानते हुए भी सही उत्तर बाघ गुफा, (धार जिला) म . प्र लिखने के बजाय लोगों को कन्फुजिआने के लिए एलोरा बोला है. इब थम म्हारे पीसे लौटा दोगे ना?

 

आपके पीस्से तो ताऊ छान फ़ूंक गया, आपको पैसों की एवज मे जितवा दिया है, किसी को बताना मत जी. :)

 

 

 Harkirat Haqeer said...

ताऊ, मै पहले ही आई ही जवाब देने पर किसी ने वाज मार ली ...अब मोहन वशिष्‍ठ ने मेरा जवाब कापी कर लिया....ये हमारे गांव का स्‍कूल ही है अरे इसी बरामदे में खडे होकर तो हम प्र।र्थना किया करते थे
...."सारे जहाँ से अच्‍छा हिन्‍दुस्‍तां हमारा....

 

"पर ताऊ एक राज की बात सुण लै ...गधे की निलामी ना करियो
दूसरी ताई के काम आयेगा....हा हा... फेर मौजां ही मौजां....."तालियाँ...!"

अपनी ऐसी किस्मत कहां जी? शायद आपको मालूम नही है, पुरानी ताई ही वापस खडी हो गई, बहुत दुर्गति हुई हमारी,  बहुत कूटाई हुई, बडी भयानक दास्तां है.

हड्डी पसली जुड जाने दिजिये, फ़िर खूंटे पै ही सब समाचार लिखेंगे. :)

 

 

 अभिषेक ओझा said...

अपन तो गदहे की बोली लगाने में इंटेरेस्टेड हो गए, और जगह भूल गए.

 

भाई हमारा गधा तो बडा करामाती है पर हमारी किस्मत ही हर बार धोखा दे जाती है. आपकी बोली ठीक ठाक आई तो विचार करेंगे.

 

वैसे राजू ने भी अन्डरग्राऊंड सुत्रों के द्वारा हमसे सम्पर्क किया है. वो शायद सरकार को दुल्लती खिलाने की जोगाड मे है. हमको तगडा आफ़र मिल चुका है. ऐसा गधा अभी दुनियां मे दुसरा नही है. :)

कृष्णचन्दर जी जाते समय ये गर्दभराज हमको दे गये थे. :)

 

 

 ताऊजी said...

ताऊ चालहे काट दिये, मेरे ब्लाग पै कब्जा करकै टिपणियां के मजे लेण लाग रया सै. यो तओ बाघ की गुफ़ा ही सै, पर मेरे ब्लाग पै कब्जा कब छौडैगा? या बता दे. लागै सै कि चिठ्ठा चर्चा म्ह फ़ु्रसतिया जी की अदालत म्ह तेरे उपर केस ठोकणा पडैगा और वकिळ भी द्विवेदी जी को करुंगा फ़ेर देखते हैं कैसे कब्जा ना छोडैगा तू.
इब नम्बर तो दे ही दे, बाकी तो मैं बाद म्ह निपट ल्युंगा.
रामराम.

 

तैं कित सैं टपक पड्या ताऊ? इब्बी मेरी ही दुकान ना जमी सै, जरा थ्यावस राख.:)

 

 गौतम राजरिशी said...

लो तुम भी क्या याद रखोगे ताऊ....इस पहेली का सही हल सिर्फ मुझेपता है-ये ताजमहल के कब्र के अंदर का गलियारा है
हो हो हो

 

वाह... वाह...फ़ौजी भाई, इब आज जाकै बेरा लाग्या मन्नै. तभी तो मैं इतनै दिनों से सोच्या करै था कि ये गुफ़ायें इस तरियां की क्युं दिखै सैं. :)

 

 योगेन्द्र मौदगिल said...

ताऊ, पहली बात तो ये कोई प्रसिद्ध जगह है पर इतनी भी नहीं जितना थारा खूंटा वहां कम से कम गधा तो रहवै
दूसरी बात शनीचर को पानीपत में हमारे मोहल्ले में लाइट नहीं होती अंधेरे में कंप्यूटर महाराज नहीं चलते इसलिये हम तो ठाट से संडे को डंडा लेकै बैठते हैं
jai RAM g kee

 

भाई म्हारा गधा तो वाकई घणा करामाती हो रया सै. आपको भी उसी की फ़िक्र

हो री सै? जरा ताऊ के हाल चाल तो लेलिया करो जी. :)

 

 

 

अच्छा जी इब अगले शनिवार को फ़िर आपसे रुबरु होंगे इस पहेली की अगली कडी मे.

 

हम अपन्रे निजी कार्य से दो तीन जरा व्यस्त रहेंगे. बाहर जा रहे हैं, अगर वहां कोई नेट का साधन मिला तो थोडा बहुत टिपियायेंगे भी और अगर नही होतो आप भाई बहनो से निवेदन है कि नाराज ना हो कि हमारी पोस्ट पर ताऊ टिपियाया नही. हमारी ब्लाग जगत मे गतिविधी ३/४ दिन कम ही रहेगी.

 

पोस्ट हमने एडवांस मे फ़ीड कर रखी हैं सो नियमित पोस्ट होती रहेंगी. टिपणी पबलिश

करने का इन्तजाम हमने कर दिया है.

 

आज की पोस्ट पर आपके विचार अति आव्श्यक हैं. आपको पोस्ट का यह स्वरूप पसंद आया या नही? हम इसके स्वरुप मे कुछ चेंज करने का सोच रहे हैं. आपसे निवेदन है कि

अपने विचार अवश्य प्रकट करे. और आप क्या और अच्छा सुझा सकते हैं? अवश्य बतायें.

 

हम हो सकता है ३/४ दिन आपके ब्लाग पर नही आ पाये, पर आपके सुझाव हम अवश्य पढ पायेंगे, तो इब रामराम.

 

छपते छपते :

 


रविवार रात ९.०० बजे यह अंक पब्लिश होते होते निम्न टिपणि आई है. हालांकी इसे शामिल करने मे बडी दिक्कत आ रही है. पर महत्वपुर्ण खबर हो सकती है. आप चाहे तो इसे ब्रेकिंग न्युज भी कह सकते हैं. इसलिये इसे आज ही पब्लिश कर रहे हैं.

 

 Harkirat Haqeer said...

ताऊ, प्रकाश गोविद जी ने सही कहा मुझे भी अल्‍पना और सीमा गुप्‍ता दोनों पर शक है...जांच कमीशन बैठाई जाये...!


 

 

 

 

 

Comments

  1. ताऊ , आपकी पोस्ट का यह नया रूप बड़ा ही शानदार है ,
    वैसे पहेली का जवाब खोजते - खोजते कंप्यूटर की वाट लग गई थी |
    बाकि विजेताओं को मेरी ओर से बधाई |

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  2. सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई.

    ब्रेकिंग न्यूज डाल के बड़ा अच्छा किया: मुझे खुद भी लग रहा है कि हो न हो ये सीमा गुप्ता जी का ही काम है. :)

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  3. ये गुफा तो बचपन में देखी थी, लेकिन उम्र के साथ साथ शरीर और दिमाग पर ज्यादा ही चर्बी चढ गई है, अगली पहेली तक इसको उतारने का प्रयास किया जायेगा!

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  4. सभी विजेताओं को बधाई !

    ताऊ जी आपने पहेली के स्वरूप के बारे में सुझाव माँगे हैं तो हम अवश्य देंगे बल्कि यूँ कहें कि हमारे भारत में बिना माँगे सुझाव दिए जाने का चलन है तो मांगने पर तो न देने का सवाल ही नहीं :)

    मेरे सुझाव : 1. पहेली का दायरा बढाकर इसमें स्मारकों के अलावा भी सवाल शामिल किए जायं .

    2. पहेली के जवाबों को परिणाम के साथ ही प्रकाशित किया जाय .

    दो सुझाव दे दिए . ज्यादा इसलिए नहीं दे रहा हूँ कि दूसरों के लिए भी स्कोप बचा रहे :)

    आप व्यस्त रहेंगे तो हम त्रस्त रहेंगे आपके इंतजार में ! काम निपटाकर आइए !

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  5. ताऊजी आप भी हमको अनइंटेलिजेंट ठहराने पर तुल गये हो लगता है।

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  6. "सभी विजेताओं को मेरी ओर से बधाई , सारा दिन तो मगज खपाई की पहेली बुझने मे और इनाम ......जाँच कमिशन बिठाने का आदेश...क्या होगा इस देश का हा हा हा हा हा हा हा हा , वैसे ब्लॉग जगत मे कई माननीय वकील भी हैं तो हमे उम्मीद है कोई कोई ना कोई हमारी तरफ से पैरवी को तैयार हो ही जायेंगे और फीस के रूप मे उनके सम्मान मे हमारी तरफ से एक जोरदार कविता तालियान्न्न्न ...." और ताऊ जी ये हमे यहाँ कोर्ट कचेरी मे फसां कर आप कहाँ चले.....

    Regards

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  7. जानकारी बढ़ाने की लिए आभार और जीतने वालों को बधाई ...

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  8. अपना भी रिपोर्ट कार्ड देख लिया.सभी विजेताओं को बधाई..
    @शुभम आप को प्रथम स्थान बरकरार रखने की ढेरों बधाई.
    @अब तो जो भी 'मुझ पर ताऊ होने का शक कर रहे हैं.
    उन के लिए दो बातें..
    १-न तो मैं हरियाणा गयी, न हरयान्वी जानती.न ही रामपुर कभी देखा.उन के जैसा लिखना अपने बस का नहीं है.
    वैसे मुझे विवेक सिंह जी पर शक जाता है.क्यूँ विवेक जी-??-उनकी हाज़िर जवाबी और हरयान्वी दोनों ताऊ के लेखन से मैच कर रही हैं.वैसे सीमा जी भी शक के दायरे से बहार नहीं हैं.[समीर जी भी यही कह रहे हैं]
    २-ताऊ कौन ?--यह अब भी पहेली ही है...जब भी जांच कमीशन बैठे तो एक सदस्य की तरह जांच कमीशन में मुझे भी शामिल कर लेना.
    ३-विवेक जी..आप के सुझाव कि एतिहासिक स्मारकों के अलावा और विषयों को जोड़ा जाए तो मैं समझती हूँ--तस्लीम और राज जी के ब्लॉग पर दो और सफल पहेलियाँ उस तरह की चल रही हैं.
    यहाँ स्मारकों के बहाने हमें भारत के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की जानकारी मिल रही है.हाँ यह होसकता है कि
    किसी एक सप्ताह स्मारकों के अलावा कुछ हटकर विषय चुना जाए.
    ४- अभी तक तो पहेली के आयोजन को सर्वश्रेष्ठ ही कहा जाएगा.ज्ञान के साथ साथ मनोरंजन भी हो जाता है.
    ५-जवाबी पोस्ट का नया शीर्षक भी ठीक है.
    जय राम जी कि.

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  9. मैं यहॉ प्रति‍भागी के तौर पर नहीं, दर्शक/श्रोता के रूप में आता हूँ। कोई देखने-सुननेवाला भी तो चाहि‍ए:)

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  10. मुझे तो शुभाम् आर्य और ताऊ पर शक है.. हर बार सबसे पहले सही जवाब कैसे दे रहे हैं.. कोई मैच फिक्सिंग तो नहीं है?? :D

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  11. राम राम ताऊ,

    बधाई सबने!

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  12. सभी विजेताओं को बधाई। और कुछ भी हो या ना हो बस एक चीज तो हो ही रही है कि हम अलग अलग जगह को देख भी रहे है और उनके बारें इतनी सारी जानकारी भी पा रहे है। और हँसते-2 लोट पोट भी हो रहे है। जारी रखिए, अजी ताऊ जी को कोई भूल सकता है।

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  13. लगता है अब ब्लॉग क्विज शो अलग से होगा ....जिसके दो क्विज मास्टर होगे .आप ओर राज भाटिया जी....सावधान बोर्नविटा वालो .....

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  14. समीक्षा बड़ी धाकड़ रहती है. ज्ञानवर्धन अच्छा होता है और मनोरंजन भी.

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  15. बाघ गुफा पहली बार आपने ही सुनाई है, कहाँ से जवाब दे पाते.
    अब उत्तर तो सामने लिखा देख भी कॉपी तो हम करते नहीं... :(

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  16. ताऊ सभी हारने वालो को मेरी तरफ़ से बधाई, अजी जो आज हारा है उस ने कोशिश तो की है ना, कल का विजेता भी तो वो ही होगा,
    फ़िर जिन्हो ने नकल मार कर विजेता का स्थान प्राप्त किया उन्हे भी खुब सारी बधाई, क्योकि नकल मारने के लिये भी अकल तो चाहिये, ओर जिन्होने आज नकल मरी वो तो कल भी नकल मारेगे, फ़िर जिन्होने सच मै अपनी हिम्मत से पहेली जीती उन्हे भी बहुत बहुत बधाई, आज जो ३,४,५ या किसी भी ना० पर आया कल वो पहले ना० पर भी आयेगा.
    फ़िर सब से बाद मै मुझे बधाई नकल मार कर भी पास नही हुआ, चलो कभी तो अकल आयेगी, लेकिन समझ मै नही आता नकल किस की मारे, क्योकि जिस कि भी नकल मारो वो झट से दल बदल जाता है.
    अगली बार समीर जी की नकल मारेगे..राम राम जी की

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  17. सभी विजेताओं को बधाई और ताऊ साहब को राम राम। बढि़या प्रतियोगिता रही ताऊजी।

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  18. अनुराग जी बोर्न विटा वालो को सावधान कर रहे है.. क्या बोर्न विटा वाले भी ताऊ का ब्लॉग पढ़ते है???

    क्या पता यही से क्विज़ ले जाते हो..

    आज तो बहुत सारे रंग नज़र आ गये आपके ब्लॉग पर..

    और हा ब्लॉगर्स के साथ धोखधड़ी नही चलेगी.. जब मेरे नंबर 501 है तो 501 ही दीजिए.. चाहे तो 100 की पाँच किश्तो में दे दीजिए..

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  19. Dear Tau ji

    I did not have a chance to see your blog for a week. I have been suffering from the dangerous blogoria as reported in http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/2009/01/blog-post_18.html

    I think that I got this "infection" from the more senior bloggers like Ravi Ratalami, the Bengani brothers, the Narad team, the Chitthajagat team and the blogvani team.

    So, on the advise of the doctor, I am spending my time in the caves of Karnataka.

    Even this computer and net connection do not belong to me

    with love

    Shastri

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  20. सीमा जी, निश्चिंत रहें... मैं वकील तो नहीं पर हूं आपके साथ...........

    ताऊ......... जैरामजीकी..

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  21. maafee chaahoonga par tau jee ke chuttee jaane par aadarneey shashtrijee bhee chuttee par hain .?
    sochiye?

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  22. @योगेंद्र मौदगिल जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया ...आखिर एक कवि ह्रदय की व्यथा जाने एक कवि ही ....."

    Regards

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  23. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना

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